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ढैंचा(Dhaincha) की वैज्ञानिक खेती- ढैंचा की खेती कैसे की जाती है
ढैंचा की खेती

Botanical name- Sesbania aculeata (L) pers

Family - Fabaceae

ढैंचा की खेती कैसे की जाती है?

उपयोग एवं महत्व (Importance and Utility)- ढैंचा की खेती बंजर और उर्वरा शक्ति खो चुकी भूमि के लिए वरदान है- ढैंचा की खेती कैसे की जाती है  ढैंचा एक हरी खाद की फसल है। यहां कम अवधि की हरी खाद की फसल है। ढैंचा की खेती  पोषक तत्व की कमी होने पर इसकी खेती की जाती है। इसकी खेती बहुत ही लाभदायक रहता है। तथा खेतों में भूमि की उपजाऊ शक्ति को बढ़ाती है।

जुलाई या अगस्त में इस फसल की बुवाई कर, 45 से 50 दिन बाद खेत में दबाकर, हरी खाद का काम इस फसल से ले सकते हैं । इसके बाद गेहूं या अन्य रबी की फसल उगा सकते हैं। ढैंचा की बुवाई करने पर प्रति हेक्टेयर भूमि में 80 किलोग्राम नाइट्रोजन इकट्ठा हो जाती है।

ढैंचा उगाने से भूमि की उर्वरा शक्ति में अधिक वृद्धि होती है। तथा भूमि के पी०एच० मान में अधिक सुधार होता है।

वितरण(Distribution)-

आंध्र प्रदेश, बिहार , कर्नाटक, केरल , महाराष्ट्र, उड़ीसा, तमिलनाडु, उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल, मध्य प्रदेश, हरियाणा व राजस्थान में इस फसल को हरी खाद की फसल के रूप में उगाते हैं।

जलवायुClimate)-

ढैंचा की फसल के लिए गर्म जलवायु की आवश्यकता पड़ती है। 20 से 35 डिग्री सेंटीग्रेड है ढैंचा के लिए उपयुक्त मानी जाती है।

भूमि एवं भूमि की तैयारी(Field and Field Management)-

ढैंचा की हरी खाद वाली फसल को सभी प्रकार की भूमियों में सफलतापूर्वक उगाया जा सकता है।

भूमि की तैयारी के लिए 2 जूताई हैरों से करने पर दो जूताई एक टिलर की सहायता से हम करते हैं उसके बाद खेत में पाटा चलाकर खेत को समतल कर लिया जाता है।

उन्नत जातियां(Improved varieties)-

अभी तक ढांचा के उन्नत जाति विकसित नहीं है । अतः क्षेत्रीय उपलब्धि के अनुसार बीज प्राप्त करते हैं।

बुवाई का समय-  मई से अगस्त

 

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बीज दर(Seed Rate)-                             

हरी खाद के लिए 60 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर व बीज उत्पादन के लिए 30 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर बीज पर्याप्त रहती है।

बुआई की विधि (Sowing Mathod)-

हरी खाद के लिए इसका बीज छिटकवां विधि से बोते हैं। कतारों में 40 से 50 सेंटीमीटर के फासले पर बुआई करना सर्वोत्तम है । बुवाई से पहले बीज रात भर पानी में भिगोकर सुबह बुवाई करने से अंकुरण शीघ्र होता है। चिकनी , लवणीय , क्षारीय भूमियों में खेत में पानी भरकर लेह बनाकर इसका बीज बखेरकर बोते हैं।

खाद एवं उर्वरक(Manure and Fertilizer)-

बुवाई के समय 20 से 25 किलोग्राम नाइट्रोजन व 50 से 60 किलोग्राम फास्फोरस बुवाई के समय स्थापन विधि से खेत में लगा देते हैं।

सिंचाई(Irrigation)-

गर्मियों में बोई गई फसल में बुवाई के एक से दो सप्ताह बाद 45 दिन तक सिंचाई करते रहते हैं । इस प्रकार 5 -7 सिंचाई में फसल तैयार हो जाती है ।वर्षा ऋतु में सिंचाई वर्षा के ऊपर निर्भर करती है।

फसल की खेत में पलटाई(Buring/Incorporation)-

बुवाई के 45 से 50 दिन बाद, खड़ी हरी फसल को ग्रेन मैन्योर र्टेम्पलर या डिस्क प्लोजिंग या डिस्क हैरो की सहायता से खेत में पलट कर मिला देते हैं। इस समय खेत में नमी का होना आवश्यक है। ताकि जैव पदार्थ का सड़ाव प्रारंभ हो सके।

इस समय तक फसल में 80 से 115 किलोग्राम नाइट्रोजन व 200 से 250 कुंटल जैव पदार्थ प्रति हेक्टेयर खेत को प्राप्त हो जाता है।

धान के रोपाई के लिए पलटाई के तुरंत बाद खेत में पानी भरकर धान की एक माह आयु की पौध रोपी जा सकती है। धान के खेत में भरा पानी बिना किसी हानि पहुंचाए ढैंचा के फसल के सड़ाव में सहायक होती है।

बीज के लिए फसल की कटाई(Harvesting)-

जुलाई में बोई गई फसल अक्टूबर के अंत या नवंबर के प्रारंभ में पक कर तैयार हो जाती है । उससे 10 से 15 कुंटल बीच प्रति हेक्टेयर प्राप्त हो जाता है।

फसल चक्र(Crop Cycle)-

सिंचाई का साधन उपलब्ध होने पर रबी की फसल काटते ही मई में इसकी बुवाई कर सकते हैं । इस प्रकार यहां फसल खरीफ की धान आदि फसलों के लिए हरी खाद का काम करती है। वर्षा काल में ढैंचा बोकर बाद में रबी की गेहूं , आलू , जौ या जई आदि फसलों को उसके साथ फसल चक्र में रख सकते हैं।

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Question & Answer-

ढैंचा की खेती कैसे की जाती है-

इसे धन बोने से लगभग दो महीने पहले लगाया जाता है। मई और जून में हल्की बारिश के कारण, इसमें मल्चिंग या विशेष देखभाल की आवश्यकता नहीं होती है और यह खुले भूखंडों के लिए उपयुक्त है। ढांचा वास्तव में कार्बनिक अम्ल पैदा करता है। जो लवणीय और क्षारीय मिट्टी को भी उपजाऊ बनाती है।

ढैंचा के बीज कहाँ से प्राप्त करें?

राज्य में हरी खाद के उपयोग को बढ़ावा देने के लिए हरियाणा सरकार किसानों को ढैंचा बीज सब्सिडी पर उपलब्ध कराएगी। किसान पशु आहार और हरी खाद का उत्पादन करने के लिए फ्रेम का उपयोग कर सकते हैं। हरियाणा सरकार ने खरीफ-2022 के दौरान हरी खाद को बढ़ावा देने के लिए ढैंचा बीज वितरित करने का निर्णय लिया है।

ढैंचा की खेती कब करे?

ढैंचा एवं सनई की बुवाई के लिए मई-जून माह में मध्यम वर्षा के बाद बोया जा सकता है। हल्की बारिश या हल्की सिंचाई के बाद जुताई करके बीजों का छिड़काव किया जाता है। ढैंचा की हरी खाद के लिए प्रति हेक्टेयर 60 किलोग्राम बीज की आवश्यकता होती है और सनई के लिए 80-90 किलोग्राम बीज एक हेक्टेयर क्षेत्र में बोया जाता है।

ढैंचा का क्या भाव है?

बाजार में ढैंचा के बीज 45-50 रुपये किलो बिक रहे हैं। जबकि बीज महज 4 रुपये प्रति किलो की दर से उपलब्ध है। बीएओ विनय कुमार ने बताया कि प्रत्येक किसान को अधिकतम 2.5 एकड़ में ढैंचा बीज मिलेगा।13-मई-2017

बोने का सही समय क्या है?

खरीफ की फसल जून से जुलाई तक बोई जाती है। रबी की फसल अक्टूबर से नवंबर तक बोई जाती है। जायद की फसल फरवरी से मार्च तक बोई जाती है।

ढैंचा को हरी खाद के रूप में कैसे प्रयोग करते हैं?

हरी खाद के लिए बुवाई का उपयुक्त समय अप्रैल से जुलाई है, जबकि बीजों के लिए उपयुक्त बुवाई का समय मध्य जून से मध्य जुलाई तक है। कम्पोस्ट के लिए पंक्ति की दूरी 20-22.5 सैं.मी. और बीज के लिए 45x20 सैं.मी. का प्रयोग करें। बुवाई की गहराई 3-4 सेंटीमीटर होनी चाहिए। बिजाई के लिए सीडर विधि का प्रयोग करें।

ढैंचा कैसे उगाया जाता है?

गर्मी के दिनों में 5-6 सिंचाइयों से ढैंचा की फसल तैयार हो जाएगी और फिर धान की फसल लगाई जा सकती है। ढैंचा की फसल प्रति हेक्टेयर भूमि में 80 किलोग्राम नाइट्रोजन एकत्र करती है। ढैंचा की फसल को जुलाई या अगस्त में बोकर 45-50 दिन बाद खेत में दबा कर इस फसल से हरी खाद का काम लिया जा सकता है।

मंडी भाव कैसे देखते हैं?

भारत में बाजार भाव जानने के लिए एक नया ऐप आया है: बीजक ऐप, जिसमें आप हर शहर के हिसाब से हर बड़ी और छोटी सब्जी मंडी का दाम जान सकते हैं। इस बुवाई ऐप को डाउनलोड करें और एक क्लिक में बाजार मूल्य जानें। मंडी भाव के साथ-साथ मंडी व्यापार और भुगतान, भारत में मंडी व्यापार और खरीदारों और आपूर्तिकर्ताओं के बारे में जानकारी प्राप्त करें।

 
https://sonucsc.com/2023/01/01/%e0%a4%a2%e0%a5%88%e0%a4%82%e0%a4%9a%e0%a4%be-%e0%a4%95%e0%a5%80-%e0%a4%96%e0%a5%87%e0%a4%a4%e0%a5%80-%e0%a4%95%e0%a5%88%e0%a4%b8%e0%a5%87-%e0%a4%95%e0%a5%80-%e0%a4%9c%e0%a4%be%e0%a4%a4%e0%a5%80/

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